द किलिंग गेम : The Killing Game by Helen
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Description
सेक्स इण्टरनेशनल एक्स की खूंखार एजेण्ट मोना चुंग, जो विश्व सुंदरी जैसे मनमोहक रूप की मलिका है तो दुश्मनों के ऐसी जहरीली नागिन जिसका काटा पानी भी नहीं मांगता।
और जब उसी हसीन दिलफरेब नागिन ने अपराधी संस्था माफिया के खिलाफ एलान-ए-जंग किया तो...?
सेक्स इण्टर नेशनल ईगल एक्स की दिलफेंक स्पाई गर्ल मोना चुंग का सर्वप्रथम अछूता उपन्यास
द किलिंग गेम
हैलन
रोमांच, रोमांस सेक्स एवं थिलर का एक यादगार उपन्यास
द किलिंग गेम : The Killing Game
हैलन : Helen
BookMadaari
प्रस्तुत उपन्यास के सभी पात्र एवं घटनायें काल्पनिक हैं। किसी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से इनका कतई कोई सम्बन्ध नहीं है। समानता संयोग से हो सकती है। उपन्यास का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है। प्रस्तुत उपन्यास में दिए गए हिंसक दृश्यों, धूम्रपान, मधपान अथवा किसी अन्य मादक पदार्थों के सेवन का प्रकाशक या लेखक कत्तई समर्थन नहीं करते। इस प्रकार के दृश्य पाठकों को इन कृत्यों को प्रेरित करने के लिए नहीं बल्कि कथानक को वास्तविक रूप में दर्शाने के लिए दिए गए हैं। पाठकों से अनुरोध है की इन कृत्यों वे दुर्व्यसनों को दूर ही रखें। यह उपन्यास मात्र 18 + की आयु के लिए ही प्रकाशित किया गया है। उपन्यासब आगे पड़ने से पाठक अपनी सहमति दर्ज कर रहा है की वह 18 + है।
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द किलिंग गेम
हैलन
यह घटना उस समय की है जब मैं सेक्स इण्टरनेशनल ईगल के लिये काम नहीं किया करती थी।
मगर, फिर भी, अपने पेशे के कारण मुझे सेक्स इण्टरनेशनल के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी थी।
मैं हताई मैं, अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ नाइट क्लब में बूडू डांस का आनन्द उठा रही थी।
वह नृत्यांगना जो बूडू ड्रम की ताल पर नृत्य कर रही थी—नृत्य करते समय उसने अपने शरीर पर कुछ भी न पहन रखा था।
मेरा मित्र जार्ज जो कि मेरे समीप ही बैठा था—वह उस नृत्यांगना के नग्न शरीर के उजागर, केन्द्रीय बिन्दुओं को ध्यानपूर्वक देख रहा था।
जबकि उसकी बांहों का जाल, मैं अपनी कमर के गिर्द कसता हुआ महसूस कर रही थी।
उसके जिस्म की ज्वाला—मुझे बेताब करती जा रही थी।
जबकि, जार्ज भी वासना की ज्वाला में झुलसने लगा था।
वह नृत्यांगना अपने कूल्हों को थिरकाती हुई इधर-उधर नृत्य दिखा रही थी।
इस थिरकन के कारण उसके बड़े-बड़े उज्जवल यौवनांग थिरक-थिरककर रात के उस रोमांटिक वातावरण में वासना की ज्वाला भड़काते जा रहे थे।
मेरे मित्र जार्ज की सांसों की आवाज बढ़ती जा रही थी। उसकी अंगुलियां हरकत में आ चुकी थीं।
जार्ज की अंगुलियां मेरी जांघों के ऊपर मचल रही थीं। उसकी अंगुलियां, मेरे स्कर्ट के अन्दर प्रवेश कर चुकी थीं। मैं सिसकार उठी थी।
मेरी निगाहें उसकी पैंट के उभरे भाग पर टिक गयी थीं।
कुछ ही देर में जार्ज की हांफती हुयी, वासना में डूबी आवाज सुनाई पड़ी—
‘ओह माई, माई...!’
उसके प्यासे अधर अपनी हरकतें दिखाने को बेताब हो रहे थे।
‘माई लव।’ कुछ देर पश्चात् मुझे पुनः जार्ज की वासनात्मय आवाज सुनाई पड़ी।
मैं उसकी भूखी अंगुलियां के प्रभाव के कारण सिसकार उठी थी।
वूडू ड्रम की तरंगें हाल में तेजी के साथ गूंजने लगी थीं। वूडू ड्रम की आवाज में भी मैं अपने वास्तविक जीवन को न भूल पा रही थी।
मेरा नाम मोना चुंग है। मेरा पेशा चोरी करना है। इस इलाके में मेरी टक्कर की कोई भी लड़की चोर न थी।
मेरी विशेष योग्यतायें—किसी भी प्रकार की सेफ को तोड़ देना—मैं अपने बांयें हाथ का काम समझती हूं।
यह सेफ तोड़ने की योग्यता मैंने अपने माता-पिता से ही महारथ हासिल की थी।
मेरे पिता ने मुझे बचपन से ही विभिन्न प्रकार की सेफ तोड़ने की ट्रेनिंग दी थी।
साथ ही अपने बचाव के लिये मैं—जूडो-कराटे, पिस्तौल की निशानेबाजी में पूर्णतया योग्य थी।
जबकि जूडो में तो मैंने अमेरिका की प्रतियोगिता में प्रथम पद प्राप्त करके ब्लैक बेल्ट जीती थी।
अचानक ही मुझे जार्ज की आवाज सुनाई पड़ी—
‘आओ, डार्लिंग, हम लोग यहां से बाहर चलें।’
मैं भी वासना में पूरी तरह डूब चुकी थी।
मैं तुरन्त ही अपनी सन्तुष्टि के लिये तैयार हो गयी।
मैं उठकर खड़ी हो गयी।
जार्ज की बांहें मेरी कमर में कस चुकी थीं। वासना के ज्वार के कारण हम दोनों ही बीच-बीच में लड़खड़ा जाते थे।
क्लब के बाहर आते ही जॉर्ज के प्यासे अधर मेरी गर्दन के ऊपर आ टिके।
मैं उसकी इस उत्तेजनात्मक हरकत का शिकार हो चुकी थी।
मैं और जार्ज टैक्सी की तरफ बढ़े ही थे—एक चाकू ने मेरा मार्ग रोक लिया।
जार्ज, मुझे इस दशा में देखकर हड़बड़ा गया।
मगर,
मेरी जूडो योग्यता ने मेरे शरीर में फुर्ती भर दी थी।
मैंने अपने हाथ से उसका दायां हाथ पकड़कर कमर में दूसरा हाथ डालकर हवा में उछाल दिया था।
यह देखकर उसका दूसरा साथी—जो जार्ज की तरफ बढ़ रहा था—बौखला गया था।
वह मेरी तरफ बढ़ आया था।
वह अभी मेरे समीप ही आया था कि मैं अपने घुटने पर काबू न रख सकी।
मेरा घुटना असकी जांघों के बीच जा समाया...।
वह अभी मेरे घुटने का प्रहार सम्भालकर दोहरा हो ही रहा था...मैंने उसी समय अपने कराटे की योग्यता का उचित परिचय दे दिया।
मेरे कराटे का भरपूर वार उसकी गर्दन पर जा पड़ा।
वह वहीं झूलकर गिर गया।
अब तक पहला व्यक्ति भी सम्भल चुका था। जार्ज उससे उलझा हुआ था।
मैंने जार्ज को एक तरफ करके पहले, व्यक्ति की कनपटी पर अपनी हथेली की खड़ी चोट कर दी।
वह एक बार चक्करघिन्नी के समान नाच कर वहीं ढेर हो गया।
अब मुझे जार्ज का होश आया।
वह मुझे इस प्रकार एक्शन में देखकर चिन्तित रह गया था।
उसे मेरे सम्बन्ध में बहुत कुछ मालूम था।
वह जानता था—चोरी में, सेफ तोड़ने में दूर-दूर, तक मैं अपना सानी नहीं रखती।
मैं जार्ज को इस दशा में देखकर समझ चुकी थी कि जार्ज इस रोमांटिक रात में रोमांटिक मूड खो चुका है।
रोमांस का मूड वास्तव में मेरा भी कम हो चुका था। मगर, फिर भी...मुझे पुराना माहौल चाहिये था।
मैं साधारण अवस्था में आ जाना चाहती थी।
मैंने आगे बढ़कर जार्ज के अधरों पर अपने अधर टिका दिये।
वह भी उत्तेजना की तरफ अग्रसर होने लगा था।
मैंने अपनी जीभ...उसके अधरों के बीच प्रविष्ट कर दी..।
लगभग पांच मिनट तक इसी अवस्था में रहने के बाद...हम दोनों टैक्सी की तरफ बढ़ गये थे।
टैक्सी में मेरी उंगुलियां जार्ज की पैंट से उलझ चुकी थीं..।
मगर, जार्ज को अब इन हरकतों में इतना रस नहीं आ रहा था।
मैं उसका कारण समझती थी।
कोई भी व्यक्ति मार-धाड़ के बाद सेक्स में वह आनन्द नहीं ले पाता है जो मार-धाड़ से पहले ले लेता है।
यही दशा जार्ज की भी थी।
जॉर्ज की पैंट के उभरे भाग के कारण, मैं यह तो समझ ही चुकी थी—वह उत्तेजित हो चुका था।
मुझे भी उसकी उत्तेजना की आवश्यकता थी। कुछ ही देर में टैक्सी, मेरे अपार्टमेंट के बाहर रुक गई!
मैं टैक्सी का दरवाजा खोलकर नीचे उतर आई थी।
‘तुम टैक्सी का किराया देकर ऊपर आ जाओ—मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहती हूं।’
मैंने जार्ज से कहा।
‘मैं...मैं।’ जार्ज कुछ हकलाकर बोला।
कुछ पल बाद वह पुनः बोला—
‘ठीक है, मैं अभी आ रहा हूं।’
तब तक मैं अपने दो कमरों के छोटे से अपार्टमेंट में दाखिल हो चुकी थी।
कुछ ही देर में जार्ज भी आ पहुंचा।
मैंने अपनी शर्ट व ब्रेजियर्स उतार दी।
इस कारण—
मेरी कमर से ऊपर के भाग में दो बड़े-बड़े ग्लोब नजर आने लगे थे।
यह ग्लोब बिल्कुल ही उज्जवल थे।
उनके ऊपर की निपल्स, जो कि लाल थी, वह एक-एक इन्च की लम्बाई की हो चुकी थीं।
मेरी ब्रेस्ट जो कि अड़तीस इन्च का नाप रखती थी...वे भी कठोर होकर चट्टान की तरह प्रतीत हो रही थीं।
जार्ज की निगाहों को मैं अपनी चट्टानों के ऊपर टिकी हुई प्रतीक्षा कर रही थी।
मैं समझ चुकी थी वह क्या चाहता था।
मैंने जॉर्ज को बढ़ावा देने के लिये उससे शर्ट उतार देने को कहा।
वह धीरे-धीरे एक-एक कदम बढ़ाता हुआ मुझ तक आ पहुंचा था।
उसने अपनी शर्ट उतार फेंकी।
मैंने अपने सफेद ग्लोबों को जॉर्ज के सीने से मसल दिया। जार्ज की नसों में ज्वार आ चुका था।
वह उसके बाद अपने पर काबू रख पाने में पूर्णतया असफल हो गया था।
उसके खुलते हुये अधरों ने मेरे अधरों को अपने आवरण में पूरी तरह छुपा लिया था।
उसकी जीभ मेरे अधरों के बीच से बिना किसी प्रकार की रुकावट सहन किये मेरे मुंह का स्वाद बदलने के लिये प्रवेश कर गयी थी।
मेरी जाँघें आपस में लड़खड़ाने लगी थीं।
जबकि जार्ज!
जार्ज की उंगलियां मेरे शरीर पर मचल उठी थीं।
वे मेरे प्रदेश से ऊपर के भाग में अपनी हरकतें दिखाने में मशगूल थीं।
मैंने धीरे से जार्ज की पैंट भी उतार दी।
उसकी शर्ट का अब मेरे सम्मुख कोई महत्व नहीं रह गया था।
मैंने हाथ बढ़ाकर वह शर्टस् उसके पैरों में गिरा दी।
जार्ज का उन्नत भाग तीर की तरह निशाना साधे हुये मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था।
जार्ज के अधर मेरे अधरों से उलझ चुके थे। मैं उनकी हरकतों के कारण बीच-बीच में सिसकार उठती थी।
जबकि मेरी जांघें—
आपस में बार-बार रगड़ खा रही थीं।
मुझे अब एक पल भी गंवाना सहन नहीं हो पा रहा था। मैं जार्ज को अपने साथ लेकर पलंग पर आ गई थी।
हम दोनों आपस में एक-दूसरे में खो जाने को उत्सुक हो उठे थे।
हम दोनों के ज्वारभाटे के बीच से गुजरकर शांति महसूस कर रहे थे।
जार्ज के चेहरे से ऐसा लग रहा था जैसे वह मुझसे कुछ कहना चाह रहा था।
जार्ज ने धीरे-धीरे, अपनी सांसों पर काबू पाने के बाद कहा—’मोना, मैं चाहता हूं तुम सेक्स के लिये काम करो।’
‘सेक्स, अभी हम वही तो कर रहे थे।’
‘मेरा मतलब इस सेक्स से नहीं—मैं चाहता हूं तुम सेक्स इण्टरनेशनल ईगल के लिये काम क्यों नहीं करती हो?’
‘सेक्स इन्टरनेशनल ईगल नाम तो मैंने सुना है, मगर एकाएक इस समय तुम्हें यह कैसे ध्यान आ गया?’
मैंने उसके इस प्रकार एकाएक प्रस्ताव रखने का कारण जान लेना उचित समझा था।
‘मैं तुम्हारी, प्रत्येक विशेषता को जानता था, तुम अपने आप में महान सेफ तोड़ने वाली, खुद में एक अजूबा हो। एक कमी जो मुझे खल रही थी वह भी आज पूरी हो गई। तुम्हारे में एक्शन का जो अन्दाजा है वह हमारे विभाग के लिये आवश्यक है।’
‘मगर, सेक्स का काम क्या है? क्या विस्तार से बता सकोगे?’
‘सेक्स इन्टरनेशनल मानवता के विपरीत होने वाले समस्त कार्यों को रोकने के लिये कार्य करता है। इसका कार्य ब्रिटेन के खिलाफ होने वाले समस्त षड्यन्त्रों को खत्म करना है।’
‘मगर तुम तो जानते ही हो, मैं एक पेशेवर चोर लड़की हूं। मैं तुम्हारे विभाग के लिये क्या कर सकूंगी?’
‘तुम...तुम हमारे लिये जो कुछ कर सकती हो...वह हम ही समझ सकते हैं। मैं अपने बॉस थाम्पसन से तुम्हें मिला दूंगा...यदि तुम मिलना चाहो तो, वर्ना तुम जेल के सींखचों से कब तक भागती रहोगी?’ जार्ज ने अपने शब्दों में धमकी का पुट देते हुये कहा।
मैं कुछ पल सोचने का मौका चाहती थी।
वैसे...मानवता की सेवा करना भी चाहती थी।
क्योंकि, मैं जानती थी...चोरी के बाद मैं समाज में अपना स्थान नहीं बना सकती थी।
मैं जार्ज के प्रस्ताव मान लेने को तैयार हो गई थी।
जार्ज और मैं तुरन्त ही अमेरिकन एयरवेज की सहायता से इंगलैंड को रवाना होने की योजना बनाने में मशगूल हो गये थे।
इंगलैंड में—
मैं व जार्ज एक विशालकाय बिल्डिंग में...सेक्स इन्टरनेशनल ईगल के कथित बॉस थाम्पसन के सम्मुख विराजमान थे।
थाम्पसन की पारखी निगाहें मुझ पर केन्द्रित थीं। वह अपनी निगाहों द्वारा यह जान लेता था जार्ज ने जो कि कुछ भी मेरे बारे में बताया था वह ठीक था या नहीं।
एकाएक थाम्पसन उठकर मेरी तरफ आ गया।
मैं उसके इरादों को समझने में सर्वथा असफल रही थी।
थाम्पसन ने मुझसे कहा—
‘मिस मोना—अपने ब्लाऊज को उतारो।’
मैंने चौंककर एक बार थास्पसान की तरफ देखा व फिर जार्ज को देखा।
मैं समझ न पा रही थी...थाम्पसन चाहता क्या था?
थाम्पसन ने हाथ बढ़ाकर मेरी कलाई पकड़ ली थी।
मैं उसकी इस अभद्रता के कारण बौखला उठी थी।
मैंने अपने जूडो का तुरन्त ही प्रयोग कर डाला। थाम्पसन वहीं फर्श पर चित्त होकर गिर पड़ा था।
जार्ज ने मेरी यह हरकत देखी तो वह उछलकर मुझ पर आक्रमण कर बैठा।
थाम्पसन का वह ऑफिस...ऑफिस की जगह अखाड़ा नजर आने लगा था।
मैंने जॉर्ज की टांग को पकड़कर हवा में ही झटका दे दिया था।
जार्ज हवा में चीखकर उछलकर वहीं ढेर हो गया था।
थॉम्पसन अपने कपड़े झाड़कर अपनी जगह ही खड़ा हो गया था।
इससे पहले कि मैं उस पर पुनः हमला करती। वह पहले ही बोल उठा—
‘ठहरो ! मैं तो तुम्हारी परीक्षा लेना चाहता था। तुम उस परीक्षा में सफल हो गयी हो।’
मैं हड़बड़ाकर उस बूढ़े थॉम्पसन को देखने लगी थी।
मैं समझ न सकी थी, मुझे क्या करना चाहिये। आगे बढ़कर लपककर बूढ़े थाम्पसन का गाल मैंने चूम ही लिया था।
नामालूम, मेरे मन में कैसी भावनायें मचल रही थीं। थाम्पसन मेरी इस अदा के कारण चौंककर मुस्कुरा उठा था।
जॉर्ज, जो कि मेरे आक्रमण के कारण जमीन चाट गया था। लंगड़ाते हुये वह उठा।
वह मेरी तरफ आश्चर्यचकित निगाहों से देख रहा था।
मेरे मुंह से कोई बोल न फूट सका था।
बहुत प्रयासों के बाद मैं कह सकी थी—
‘सॉरी, जॉर्ज आई एम वेरी सॉरी।’
जॉर्ज भी खिसिया उठा था।
उसे शायद मुझसे इस प्रकार की कोई उम्मीद न थी।
वह यह सोच रहा होगा—वह सेक्स इण्टरनेशनल द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त है अतः मैं उसका कुछ भी न बिगाड़ सकूंगी।
मगर, हुआ इसके विपरीत ही।
मैंने आगे बढ़कर जॉर्ज को सहारा देकर कुर्सी पर बैठा दिया था।
थाम्पसन ने मुझसे जरूरी कागजातों पर दस्तखत कराने के बाद—मुझे प्रशिक्षण शिविर में भेज दिया।
प्रशिक्षण शिविर में मुझे उन सभी विषयों पर शुरू से प्रशिक्षण दिया गया जिनमें मैं पहले ही माहिर थी।
उन कक्षाओं में जूडो, कराटे आदि की रोज ट्रेनिंग दी जाती थी।
एक-दो बार तो मैंने प्रशिक्षक को ही उसके ही दांव-पेचों द्वारा मार गिराया था।
तैराकी जो कि मुझे पहले से ही अच्छी तरह आती थी, उसका भी नये सिर से मुझे प्रशिक्षण दिया गया।
मैं सोच रही थी मैं किस प्रकार की अनजानी मुसीबत में फंस गयी थी।
एक मास पश्चात—
मैं सेक्स इण्टरनेशनल के प्रशिक्षण शिविर से निखरकर...थॉम्पसन के कार्यालय में बैठी हुयी थी।
मैं थॉम्पसन के आदेश की प्रतीक्षा कर रही थी।
मुझे प्रशिक्षण शिविर तो किसी कैदखाने के समान लग रहा था।
कुछ देर बाद थॉम्पसन ने अपने अधरों पर मुस्कराहट का आवरण बिछाते हुये कहा—
‘अच्छा, तो तुम्हारा प्रशिक्षण समाप्त हो गया। चलो बहुत अच्छा रहा।’
‘हां, कैदखाने से छुट्टी मिली।’
‘ओह! तो तुम्हें कैदखाना प्रतीत हो रहा था?’ थॉम्पसन ने चौंकने का अभिनय करते हुये पूछा।
‘और नहीं तो क्या? वहां था ही क्या—बस प्रशिक्षण और प्रशिक्षण। मुझे इस प्रकार की आदत नहीं है।’
‘कोई बात नहीं, अच्छा अब अच्छी लड़की की तरह तैयार होकर बैठ जाओ।’
कुछ पल की शांति के बाद वह पुनः गम्भीरता का आवरण ओढ़कर बोला—
‘तुम्हें कॉलगर्ल बनना पड़ेगा।’
‘कॉलगर्ल?’ मैंने चौंककर पूछा।
मगर हृदय से सोच रही थी—अब कॉलगर्ल बनने के बाद मुझमें क्या अन्तर होगा?
अब भी मैं किसी कॉलगर्ल से कम तो नहीं थी।
‘वैसे यह भी मुझे अच्छा ही लगेगा!’ मैंने धीरे से कहा।
‘काम तुम्हें बता दिया जायेगा। तुम बस तैयार रहो।’
मैं अपने को तैयार कर चुकी थी।
मैं अपनी नयी जिन्दगी की नयी डगर पर कदम बढ़ा चुकी थी।
मैंने सेक्स इण्टरनेशनल के लिये कार्य का श्री गणेश कर दिया था।
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Additional information
Book Title | द किलिंग गेम : The Killing Game by Helen |
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Isbn No | |
No of Pages | 208 |
Country Of Orign | India |
Year of Publication | |
Language | |
Genres | |
Author | |
Age | |
Publisher Name | Ravi Pocket Books |
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