अलफांसे की शादी
“हैल्प.....हैल्प.....प्लीज, हैल्प मी!” मुसीबत में फंसी किसी नारी की चीखें कहीं दूर से उभरने के बाद सुनसान वातावरण में गूंजती हुईं जब अलफांसे के कानों तक पहुंचीं तो उसके पैर स्वतः ही ब्रेकों पर दबाव बढ़ाते चले गए।
टायरों की हल्की-सी चरमराहट के साथ रॉल्स रुक गई।
सीट पर बैठे अलफांसे ने अपने चारों तरफ देखा, हाथ स्टेयरिंग पर ही टिके थे—कदाचित वह जानना चाहता था कि नारी चीख किधर से उभरी थी—सड़क के दाईं तरफ हजारों फीट गहरी खाई थी और बाईं तरफ हजारों फीट ऊंची पहाड़ी—वातावरण में चारों तरफ धूप छिटकी पड़ी थी, किन्तु फिर भी वहां दूर-दूर तक सन्नाटा ही था।
सन्नाटे को बींधती चीख पुनः उभरी।
इस बार अलफांसे ने ‘साइड विण्डो’ से बाहर चेहरा निकालकर ऊपर देखा—ऊपर पहाड़ को काटकर बनाई गई सड़क पर उसे एक कार बड़ी तेजी से दौड़ती हुई नजर आई—हल्के नीले रंग की वह कार ऊपर की तरफ ही चली जा रही थी।
अलफांसे ने फुर्ती से अपना चेहरा अन्दर खींचा।
गेयर बदले, रॉल्स आगे बढ़ी और फिर एक्सीलेटर पर पैरों का दबाव बढ़ता चला गया, उसी अनुपात में कार की गति भी बढ़ी और फिर रॉल्स तूफानी रफ्तार से पहाड़ी पर चढ़ने लगी।
दोनों कारें पहाड़ को काटकर बनाई गई एक ही सड़क पर थीं—नीली कार ऊपर और अलफांसे की रॉल्स उससे थोड़ी नीचे— सांप के समान बल खाई-सी सड़क के हर मोड़ पर रॉल्स के टायर चरमराते, परन्तु हर मोड़ के बाद रफ्तार कुछ तीव्र ही होती चली गई।
नीली कार का ड्राइवर भले ही चाहे जितना दक्ष रहा हो, परन्तु अलफांसे के मुकाबले कुछ भी नहीं था, यह सच्चाई केवल पन्द्रह मिनट बाद उस वक्त प्रकट हो गई, जब रॉल्स ‘सांय’ से हवा के झोंके की तरह नीली कार की बगल से निकली और उससे दूर होती चली गई।
एक मोड़ काटते ही अलफांसे नीली कार से करीब एक फर्लांग आगे निकल आया था।
मील के एक पत्थर के समीप उसने रॉल्स तिरछी खड़ी कर दी।
अलफांसे फुर्ती से बाहर निकला, एक झटके से उसने दरवाजा बन्द किया और अगले ही पल रॉल्स के बोनट पर कोहनी टिकाए वह नीली कार की प्रतीक्षा कर रहा था—दो या तीन क्षण बाद ही नीली कार एक मोड़ घूमकर तेजी से समीप आती नजर आई।
रॉल्स को सड़क पर तिरछी खड़ी देखकर शायद नीली कार का ड्राइवर एक पल के लिए बौखलाया और फिर बड़े ही अजीब ढंग से कार लहराई—टायरों की चीख-चिल्लाहट के साथ कार रॉल्स से करीब दस गज दूर ही जाम हो गई।
कुछ देर के लिए वहां बड़ी गहरी-सी खामोशी छा गई।
बोनट पर कोहनी टिकाए अलफांसे इत्मीनान से नीली कार की तरफ देख रहा था—कार की अगली सीट पर उसे ड्राइवर, पिछली पर गुण्डे-से नजर आने वाले दो अंग्रेज और उनके बीच ‘सैण्डविच’ बनी एक लड़की नजर आई।
एक अंग्रेज का हाथ लड़की के मुंह पर ढक्कन बना चिपका हुआ था।
अलफांसे के सुर्ख होठों पर हल्की-सी मुस्कान दौड़ गई, बोनट से कोहनी हटाकर वह सीधा खड़ा हुआ और संतुलित कदमों के साथ कार की तरफ बढ़ा—अभी वह मुश्किल से चार या पांच कदम ही बढ़ पाया था कि एक झटके से कार के दोनों दरवाजे एक साथ खुले।
ड्राइवर और पिछली सीट पर बैठा एक अंग्रेज बाहर निकले।
तीसरा लड़की को दबोचे कार के अन्दर ही था।
अलफांसे ठिठक गया, क्योंकि उनमें से एक के हाथ में रिवॉल्वर था, दूसरे ने अपने लहजे में गुर्राहट उत्पन्न करते हुए कहा—“कौन हो तुम—और इस हरकत का क्या मतलब है?”
“मैं उस हरकत का मतलब जानना चाहता हूं बेटे!” अलफांसे का इशारा कार के अन्दर की तरफ था।
“रॉल्स सीधी करके यहां से ‘तिड़ी’ हो लो, वरना अभी उस हरकत का मतलब समझा दिया जाएगा।”
अलफांसे के होंठों पर चिर-परिचित मुस्कान उभर आई, रिवॉल्वर की नाल पर दृष्टि टिकाए वह कदम आगे बढ़ाता हुआ बोला—“मतलब समझे बिना यहां से ‘तिड़ी’ नहीं होऊंगा।”
“तू शायद हमें जानता नहीं है।” रिवॉल्वर वाला गुर्राया।
“मैं अच्छी तरह जानता हूं कि लड़कियों को किडनैप करने वाले कितने बहादुर होते हैं।”
“ये लड़की बोगान के लिए ले जाई जा रही है।”
“ये किस चूहे का नाम है?”
“अंग्रेज गुण्डे ने बोगान का नाम पूरे विश्वास के साथ लिया था, शायद उसे पूरी उम्मीद थी कि ‘बोगान’ का नाम सुनते ही सामने वाले के होश फाख्ता हो जाएंगे, किन्तु जब उसने अपनी सभी उम्मीदों के एकदम विपरीत अलफांसे का वाक्य सुना तो गड़बड़ा-सा गया, अगले ही पल संभलकर बोला—“बोगान को नहीं जानता—इसका मतलब ये हुआ बेटे कि तू लंदन में नया आया है।”
“मैं कहीं भी नया नहीं होता मेरी जान-लेकिन हां, दुनिया में घूमता हुआ जब काफी दिन बाद किसी शहर में पहुंचता हूं तो वहां नए-नए नाम जरूर सुनता हूं—पांच साल बाद लंदन आया हूं और इस बार एक नए चूहे का नाम सुन रहा हूं—बोगान—इस नाम को तुमने कुछ इस तरह लिया है जैसे अणुबम का नाम बदल दिया गया हो—और ऐसे लोगों से मिलकर अक्सर मुझे खुशी होती है।”
“बोगान साहब तुझ जैसे छोकरों से नहीं मिलते!”
“मैं जानता हूं कि बोगान जैसा चूहा मुझ जैसे छोकरों से कब मिलता है।”
“क्या मतलब?”
“तब जबकि मैं उनके तुम जैसे चमचों के चेहरे का भूगोल बदलकर उनके पास भिजवा दिया करता हूं।”
“ये कोई पागल कुत्ता लगता है मेसन!” ड्राइवर ने कहा—“देर हो रही है, बोगान देर पसन्द नहीं करता। गोली मारकर इसे खाई में डाल दे!”
अलफांसे निरन्तर धीमें-धीमें कदमों के साथ उनकी तरफ बढ़ रहा था।
“तू यहां से जाता है या नहीं?” रिवॉल्वर वाले ने चेतावनी-सी दी।
जवाब में इस बार अलफांसे बोला कुछ नहीं, हां, उन्हीं स्थिर कदमों से, होठों पर मुस्कान और चेहरे पर चमक लिए निरन्तर उनकी तरफ बढ़ता रहा।
“श...शूट हिम मेसन, आई से शूट हिम!” ड्राइवर चीखा!
‘धांय!’ रिवॉल्वर ने खांसा।
दहकती बुलेट अलफांसे के चेहरे की तरफ लपकी।
मगर, उन बेचारों को क्या मालूम था कि ये गोली उन्होंने किस पर चलाई है।
‘संगआर्ट’ का माहिर एक क्षण पहले ही झुक चुका था, अतः गोली उसके सिर के ऊपर से गुजरकर पीछे खड़ी रॉल्स की बॉडी से जा टकराई, अलफांसे पूर्ववत मुस्कराता हुआ उनकी तरफ बढ़ रहा था।
ड्राइवर और मेसन हक्के-बक्के रह गए।
वे तो कभी स्वप्न में भी नहीं सोच सकते थे कि कोई व्यक्ति गोली से इतनी सफाई के साथ बच सकता है—उन बेचारों को तो यह भी नहीं मालूम था कि इस दुनिया में ‘संगआर्ट’ नाम की भी कोई चीज है। अपनी तरफ बढ़ता हुआ अलफांसे उन्हें इन्सान नहीं, बल्कि ‘जिन्न-सा’ नजर आया।
मेसन ने यह सोचकर दूसरी गोली चला दी कि शायद संयोगवश ही दुश्मन उसकी पहली गोली से बच गया था, किन्तु इस बार ‘संगआर्ट’ का प्रदर्शन करने के साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय शातिर ने उछलकर ‘फ्लाइंग किक’ मेसन के सीने पर मारी।
एक लम्बी चीख के साथ मेसन हवा में उछलकर दूर जा गिरा—रिवॉल्वर उसके हाथ से निकलकर सड़क पर गिर गया था—उसे उठाने के लिए ड्राइवर झपटा, परन्तु अलफांसे के बूट की ठोकर उसके चेहरे पर पड़ी। एक मर्मान्तक चीख के साथ उछलकर वह भी दूर जा गिरा।
इसके बाद-मुश्किल से पांच मिनट तक वहां किसी स्टंट फिल्म के ‘क्लाइमेक्स’ का-सा दृश्य चलता रहा—इस मारधाड़ में उनका तीसरा साथी भी शामिल हो गया था।
एक तरफ तीन थे, दूसरी तरफ अकेला अलफांसे।
लेकिन उन्हें जल्दी-ही मालूम पड़ गया कि इस व्यक्ति से भिड़कर उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल की है—पांच मिनट बाद वे बुरी तरह जख्मी, खून से लथपथ—सड़क पर अलग-अलग पड़े कराह रहे थे।
इसमें शक नहीं कि उनके चेहरों का भूगोल बदल चुका था। खड़े होने तक की ताकत नहीं रह गई थी उनमें—अलफांसे ने सड़क पर पड़ा रिवॉल्वर उठाया—नीली कार के चारों टायरों पर चार फायर करके रिवॉल्वर खाली कर दिया।
चारों टायर शहीद हो गए!
फिर रिवॉल्वर को एक तरफ फेंककर अलफांसे मेसन की तरफ बढ़ा, झुका और अगले ही पल मेसन का गिरेबान पकड़कर उसे उसने जबरदस्ती अपने सामने खड़ा कर लिया, बोला—“क्या नाम ले रहे थे तुम उस चूहे का—हां, बोगान—अपने उस अणुबम से कहना कि तुम्हारी यह हालत अलफांसे ने बनाई है और अलफांसे उसे ‘एलिजाबेथ होटल’ के रूम नम्बर ‘सेवन्टी-वन’ में मिलेगा!”
मेसन कुछ कह भी नहीं पाया था कि अलफांसे ने उसका गिरेबान छोड़ दिया।
मेसन धम्म् से सड़क पर गिरा।
अपनी टांगों पर एक क्षण भी वह खड़ा नहीं रह सका था, शायद घुटने की हड्डियां टूट चुकी थीं, मगर उस तरफ कोई ध्यान न देकर अलफांसे घूमा और फिर लम्बे–लम्बे कदमों के साथ नीली कार के समीप खड़ी थर-थर कांप रही लड़की की तरफ बढ़ा।
लड़की के समीप पहुंचते ही वह स्वतः ही ठिठक गया।
यह पहला ही क्षण था जब अलफांसे ने बहुत ध्यान से लड़की को देखा। वह सुन्दर थी—बेहद सुन्दर!
इतनी ज्यादा कि लड़कियों में किसी भी किस्म की दिलचस्पी न रखने वाले अलफांसे का दिल भी एक बार को तो ‘धक्क’ से रह गया और फिर बड़ी जोर-जोर से धड़कने लगा—वह गोरी थी, खूब गोरी—वैसा रंग जैसा एक चुटकी 'सिन्दूर' मिले मक्खन का होता है—वह स्कर्ट पहने थी, सुर्ख रंग की स्कर्ट!
लम्बी, गोरी, गोल एवं केले के वृक्ष जैसी चिकनी टांगें घुटनों के थोड़ा ऊपर तक नग्न थीं—कंधे तक बाजुओं पर कोई आवरण नहीं था—वक्ष प्रदेश का उभार स्कर्ट में से फूटा पड़ रहा था—बहुत ही पुष्ट और कसे हुए वक्ष थे उसके—गोल मुखड़े पर गुलाब की पंखुड़ियों–से अधर!
भरे हुए कपोल, छोटी-सी नोकीली नाक, ऊंचे मस्तक और कमान-सी भवों वाली उस लड़की की आंखें नीली थीं—झील-सी गहरी, चमकदार आसमानी रंग के हीरों जैसी।
उसकी सुंदरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि अलफांसे मानो उस पर से अपनी आंखें हटाना ही भूल गया था।
प्रिंसेज जैक्सन के बाद अलफांसे ने इतनी सुन्दर ये दूसरी लड़की देखी थी।
लड़की इस वक्त बुरी तरह डरी और सहमी हुई-सी थी।
“थ...थैंक्यू!” उसने शायद बड़ी मुश्किल से कहा।
अलफांसे की तंद्रा भंग हुई, उसे लगा कि चर्च में लगा कोई घण्टा टनटनाया हो।
“स...सॉरी!” कहने के साथ ही अलफांसे ने लगभग सोचते हुए उस पर से नजरें हटा लीं—सिर को एक झटका दिया उसने—कुछ ऐसे अन्दाज में जैसे दिमाग में उमड़-घुमड़ करने वाले विचारों से खुद को मुक्त करना चाहता हो, उसे लगा कि उसकी जिन्दगी के पिछले चन्द लम्हें किसी नशे में गुजरे हैं।
किसी ऐसे नशे में जिसका अहसास उसने पहले कभी नहीं किया था।
अपना दिमाग उसकी सुन्दरता से हटाने के लिए पूछा—“ये लोग कौन थे?”
“म...मैं इन्हें नहीं जानती!” मधुर आवाज में अभी तक कंपन था।
“खैर, अब आपको डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।” अलफांसे काफी हद कर स्वयं को संभाल चुका था—अगर आपको कहीं दूर जाना हो तो मेरी गाड़ी में...।”
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