इंश्योरेन्स क्लेम : Tell it to the Birds : Insurance Claim by James Hadley Chase
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Description
Insurance Claim
Tell It To The Birds (Hindi Translation)
Steve Harmas
James Hadley Chase
Ravi Pocket Books
BookMadaari
प्रस्तुत उपन्यास के सभी पात्र एवं घटनायें काल्पनिक हैं। किसी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से इनका कतई कोई सम्बन्ध नहीं है। समानता संयोग से हो सकती है। उपन्यास का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है। प्रस्तुत उपन्यास में दिए गए हिंसक दृश्यों, धूम्रपान, मधपान अथवा किसी अन्य मादक पदार्थों के सेवन का प्रकाशक या लेखक कत्तई समर्थन नहीं करते। इस प्रकार के दृश्य पाठकों को इन कृत्यों को प्रेरित करने के लिए नहीं बल्कि कथानक को वास्तविक रूप में दर्शाने के लिए दिए गए हैं। पाठकों से अनुरोध है की इन कृत्यों वे दुर्व्यसनों को दूर ही रखें। यह उपन्यास मात्र 18 + की आयु के लिए ही प्रकाशित किया गया है। उपन्यासब आगे पड़ने से पाठक अपनी सहमति दर्ज कर रहा है की वह 18 + है।
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इंश्योरेन्स क्लेम
“ऐ हीरो...।” रेड लाइट पर जैसे ही एनसन ने गाड़ी रोकी वह तोजी से ड्राइविंप विडो के निकट आ गई। कुछ झुककर अपना सुर्खी नानी लिपस्टिक से लिपा-पुता चेहरा एनसन के निकट लाकर वह फिर से बोली— “मैं किसी हैण्डसन से लिफ्ट लेने के लिए ही फुटपाथ पर खड़ी थी और किस्मत देखो...तुम नदर आ गये।”
वह फेलाली थी।
अपवे जिस्म को मिनटों से रात-दिन बेचने वाली एक मर्दखोर वेश्या। एनसन ने बहुत बार उसके बदन को तोड़-निचोड़ था। पर वह उसे इतनी बार भोग चुका था कि अब उसमें उसकी जरा भी दिलचस्पी नहीं रह गई थी।
“पीछे हटो, अभी मैं बहुत जरूरी काम से जा रहा हूँ।” एनसन रूखे स्वर में बोला और लाईट ग्रीन हुई देख उसने कार आदे बढ़ा दी।
“अरे सुनो...सुनो तो...।” फेरारी चिल्लाती रह गई और जब कार काफी आगे निकल गई थी तो उसके चेहरे पर कत्ल कर देने वाली मुस्कुराहट पैदा हुई।
“तुम मुझसे पीछा नहीं छुड़ सकतो एनसन।” वह बुदबुदाई— “मैंने तुम्हें अपनी अनगिनत रातें दी हैं।”
¶¶
वह इमारत जिसे एनसन पिछले एक घन्टे से तलाश कर रहा था, उसे उस मुश्किल से कारें खड़ी हो सकने जितनी तंग सड़क के आखिरी सिरे पर मिली, जिसके दोनों तरफ ऊंची झाड़ियां उगी हुई थीं।
इमारत भी भद्दे दोहरे फाटक के इर्द-गिर्द उगे झाड़-झंझाड़ों के पीछे लगभग छुपी हुई थी। जब तक एनसन कार से निकल कर फाटक के पास तक न पहुंचा, तब तक उसे इमारत की एक झलक तक न मिली। उसने तुरन्त उसकी तरफ नहीं देखा क्योंकि पहले उसका ध्यान बाग की तरफ चला गया।
सामने कोई बीस फुट वर्ग का शानदार लॉन था। उसका रख-रखाव इतना बढ़िया था कि वह नुमाइश में रखने के काबिल चीज मालूम होती थी।
उसके अतिरिक्त वहां एक छोटा-सा बड़ा नफीस फव्वारा भी था, छोटा-सा नकली झरना था, गुलाब के फूलों की खूबसूरत क्यारियां थीं और चहचहाते पक्षियों के लिए विशेष रूप से निर्मित बसेरा था।
कितने ही क्षण एनसन फाटक पर स्तब्ध खड़ा बाग को देखता रहा। फिर उसने बाग से परे इमारत की तरफ निगाह उठाई। यहीं आने के लिए वह फेलाली से पीछा छुड़कर आया था। यह धन्धे का वक्त था और इसे वह फेलाली पर जाया नहीं कर सकता था।
¶¶
तुलनात्मक दृष्टिकोण से इमारत भी बाग की तरह ही हैरान कर देने वाली थी। वह ईंटों और लकड़ी की बनी, लाल टाइलों की छत वाली एक दो मंजिली इमारत थी। किसी जमाने में इमारत की लकड़ी का अग्रभाग हरे रंग से पोता गया था लेकिन सालों से पड़ते बारिश के थपेड़ों, तेज हवाओं और धूप ने उस रंग रोगन का सत्यानाश कर दिया था।
और अब वह इमारत बड़ी भद्दी, बेकार समझ कर छोड़ी हुई लग रही थी। खिड़कियां धूल-मिट्टी से अटी हुई थीं। दरवाजे पर लगा पीतल का डोर नॉकर मैल से काला पड़ गया था।
इमारत की बाईं तरफ एक दो कारें खड़ी करने योग्य गैरेज था। जिसकी खिड़की टूटी हुई थी और जिसकी छत से कितनी ही टाइलें गायब थीं।
एनसन ने पहले बाग को देखा, फिर इमारत को देखा और फिर बाग को देखा। उसने पीछे हट कर दरवाजे पर लगी सफेद अक्षरों में लिखी नेमप्लेट पढ़ी। लिखा था—मोन रिपोज।
¶¶
उसने अपने चमड़े के बेहद घिसे हुए डाकूमेंट केस की जिप खोली। उसमें से उसने वह पत्र निकाला, जो उसे सुबह प्राप्त हुआ था। उसने पत्र को दोबारा पढ़ा।
मोन रिपोज
नार्थ प्रू टाउन
नेशनल फिडलिटी इन्श्योरेन्स कारपोरेशन।
माननीय महोदय,
मुझे खुशी होगी, यदि आप अपने किसी प्रतिनिधि को इस सप्ताह किसी रोज दोपहर के बाद दो और चार बजे के बीच मुझसे मिलने के लिए भेज सकें।
मेरे पास लगभग एक हजार डालर कीमत के कुछ जेवरात हैं। जिनके लिए मेरे पति समझते हैं कि मुझे चोरी या ऐसी ही किसी हानि से बचने के लिए बीमा करवा लेना चाहिए।
भवदीय
मैग बारलो
¶¶
एनसन ने फाटक को धकेल कर खोला और कार भीतर ड्राइव-वे पर दाखिल कर दी। फिर वह कार से निकल कर इमारत तक पहुंचा।
आसमान पर घने बादल छाये हुये थे और लगता था किसी भी क्षण बारिश होने लगेगी। सूरज बादलों के पीछे कहीं गुम हो गया था, लेकिन उसकी थोड़ी रोशनी बादलों से छन कर बाहर निकल रही थी और चित्ताकर्षक बाग पर पड़ रही थी, वह बड़ा ही लुभावना दृश्य प्रस्तुत कर रही थी और ‘एकाध घन्टे में…’ एनसन ने सोचा—मूसलाधार बारिश होने लगेगी।’
उसने दरवाजे पर दो बार दस्तक दी।’
कुछ क्षण खामोशी रही, फिर उसे तेज कदमों की आहट सुनाई दी और फिर दरवाजा खुला।
मैग बारलो से अपना पहला साक्षात्कार एनसन को अपने जीवन की अन्तिम घड़ी तक याद रहा।
¶¶
चौदह साल की उम्र में एनसन अपनी जिन्दगी में पहली बार किसी के साथ यौनाचार में फंसा था। उसके माता-पिता उसे घर की नौकरानी के हवाले करके कहीं बाहर गये हुए थे।
नौकरानी उससे उम्र में कोई बीस साल बड़ी, मोटी, भद्दी औरत थी। उसके माता-पिता को गये अभी चार घन्टे ही हुए थे कि नौकरानी उसके कमरे में पहुंच गई थी।
वह वहां पलंग पर लेटा एक गन्दी किताब पढ़ रहा था। आधे घन्टे बाद एनसन अपनी किशोरावस्था से निकल कर पुरुषत्व में कदम रख चुका था और उस दिन से लेकर आज तक सैक्स के कीड़े ने उसके दिमाग में एक क्षण के लिए भी कुलबुलाना बन्द नहीं किया था।
उसके पहले तजुर्बे ने उसे आश्वस्त कर दिया था। लेकिन वह आश्वासन ज्यादा देर नहीं चला था कि सभी औरतें बड़ी आसानी से हासिल हो जाने वाली होती थीं।
बाद में जब उसे मालूम हुआ कि ऐसा नहीं था तो उसने औरतों को बहलाने, बरगलाने की कोशिश करने के स्थान पर पेशेवर औरतों के ससंर्ग में आना आरम्भ कर दिया। औरतों के बारे में उसकी पसन्द बड़ी ऊंची और परिमार्जित थी, इसलिए उसकी साप्ताहिक कमाई का एक मोटा भाग औरतों पर खर्च होता था।
उसे हर क्षण सैक्स की भूख तो सताती थी, इसके अतिरिक्त उसमें एक कमजोरी और भी थी। वह जुआ खेले बिना नहीं रह सकता था, लेकिन जुए में उसका मुकद्दर शायद ही साथ देता था। अपनी इन दोनों लतों की वजह से अक्सर कड़का ही रहता था।
अपने व्यक्तित्व, होशियारी और कार्य-क्षमता के दम पर उसने नेशनल फिडलिटी इन्श्योरेन्स कॉपोरेशन की फील्ड एजेन्सी हासिल कर ली थी। उसकी फील्ड एजेन्सी के मातहत तीन बड़े सम्पन्न नगर आते थे। बै्रट, लैम्ब्सविल और प्रू टाउन। उन इलाकों में एक अच्छे इन्श्योरेन्स सेल्समैन के क्लाइन्ट के पास दो-दो तीन-तीन कारें थीं, जीवन बीमें में तो उनकी दिलचस्पी होती ही थी, वे अपनी फसलों और सम्पत्ति का भी बीमा कराने के लिए उत्सुक रहते थे। लेकिन एनसन जितना कमाता था, उड़ा देता था कि अपनी इस गैर जिम्मेदारी से अक्सर उसका दिल भी थर्राता था।
बै्रट, प्रू टाउन और लैम्ब्सविल के अपने साप्ताहिक दौरे पर रवाना होने से पहले, उसे अपने बुक मेकर (ऐसा आदमी जिसके माध्यम से जुए की शर्ते लगाई जाती हैं, उसे अमूमन बुकी भी कहा जाता था) जो डंकन का फोन आया था।
अपनी दमे से खरखराती आवाज में डंकन ने कहा था—एनसन, जानते हो, न कितना उधार चढ़ गया है?”
एनसन ने कहा— “जानता हूं, जो हौसला रखो। तुम्हें सारे पैसे मिल जायेंगे।”
“तुमने मेरे लगभग एक हजार डालर देने हैं!” डंकन बोला— “शनिवार तक मेरी रकम मुझे मिल जाए। न मिली तो सेलर तुम्हारा हाल-चाल पूछने पहुंच जायेगा।”
सेलर होगन जो डंकन की वसूली करने वाला मुर्गा था। एक जमाने में वह कैलीफोर्निया का लाइट हैवीवेट चैम्पियन रह चुका था। उसकी दुर्दान्तता के उस इलाके में किस्से मशहूर थे। अगर वह कर्जा वसूलने में असफल रहता था तो वह कर्जाई को हमेशा के लिए दाग देता था।
लेकिन एनसन महज हजार डालर के लिए चिन्तित नहीं था। बहुत ही कयामत आन पड़ेगी तो वह अपने दोस्तों से उधार ले लेगा अपना टेलीविजन बेच देगा या कार गिरवी रख देगा लेकिन अब दबाव पड़ने लगा था।
टेलीफोन रखते-रखते उसे याद आया कि उसने स्थानीय महाजन साम बर्नस्टीन के भी आठ हजार डालर देने थे। वह रकम भी हर हाल में साल के अन्त तक चुकानी थी।
जब उसने जून को कर्जे के कागज पर हस्ताक्षर किये थे तो अगली जून उसे बहुत दूर लग रही थी। उसने वह सारी रकम एक ही रेस के घोड़े पर लगा दी थी जो जीत जाने की सूरत में एक डालर के बदले में सौ डालर दिलवाने वाला था। वह एकदम नया घोड़ा था और उसे सीधे तबेले से टिप मिली थी, वह शर्तिया रेस जीतने वाला था। वह घोड़ा रेस जीतता तो क्या, रेस पूरी ही बड़ी मुश्किल से कर पाया था।
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Additional information
Book Title | इंश्योरेन्स क्लेम : Tell it to the Birds : Insurance Claim by James Hadley Chase |
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Isbn No | |
No of Pages | 170 |
Country Of Orign | India |
Year of Publication | 1963 |
Language | |
Genres | |
Author | |
Age | |
Publisher Name | Ravi Pocket Books |
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